विधानसभा क्षेत्र ऊना के विभिन्न स्कूलों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 87.50 करोड रुपए की राशि जारी की गई

विधानसभा क्षेत्र ऊना के विभिन्न स्कूलों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 87.50 करोड रुपए की राशि जारी की गई

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विधानसभा क्षेत्र ऊना के विभिन्न स्कूलों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 87.50 करोड रुपए की राशि जारी की गई

 

ऊना

महेश गौतम
डिस्ट्रिक्ट ब्यूरो चीफ

Mahesh Gautam
District bureau chief

विधानसभा क्षेत्र ऊना के विभिन्न स्कूलों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 87.50 करोड रुपए की राशि जारी की गई है। वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती द्वारा विधानसभा क्षेत्र की इन स्कूलों में आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष विभिन्न स्कूलों के एस्टीमेट प्रस्तुत किए थे।
जिन्हें प्रदेश सरकार ने तुरंत प्रभाव से मंजूर करते हुए राशि जारी कर दी है। वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने बताया कि इनमें बीआरसी भवन ऊना में एक प्रशिक्षण हॉल और शौचालय के निर्माण के लिए 9.75 लाख रुपये की राशि, प्राइमरी स्कूल कुठार खुर्द की चारदीवारी के लिए 2 लाख रुपये, लमलेहड़ा के प्राइमरी स्कूल और मिडिल स्कूल की चारदीवारी के लिए कुल 2.40 लाख रुपये, माध्यमिक स्कूल आबादा बराना की चारदीवारी और रिटेनिंग वॉल निर्माण के लिए 10.20 लाख रुपए, प्राइमरी स्कूल खानपुर की ब्रेस्ट वॉल के निर्माण के लिए 60 हज़ार, जबकि इसी स्कूल की चारदीवारी के लिए 5.50 लाख रुपए, आरंभिक शिक्षा उप निदेशक के कार्यालय में रैंप के निर्माण के लिए 1.20 लाख रुपए और इसी भवन की रिपेयर के लिए 4.50 लाख रुपए, ब्लॉक एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर के भवन परिसर में रैंप के निर्माण के लिए 4.40 लाख रुपये, प्राइमरी स्कूल जखेड़ा में तीन कमरों के निर्माण के लिए 9.75 लाख रुपए, प्राथमिक पाठशाला रामपुर प्राथमिक,
पाठशाला एरिया कॉलोनी, प्राथमिक मॉडल केंद्र पाठशाला ऊना, प्राथमिक पाठशाला नंगड़ा में 2-2 कमरों के निर्माण के लिए 6.30 लाख रुपये प्रति स्कूल प्रदान किए जा रहे हैं।
प्राथमिक पाठशाला अजोली में एक कमरे के निर्माण के लिए 3.15 लाख रुपये, जबकि प्राइमरी स्कूल टब्बा में परिसर विकास, स्मार्ट क्लासरूम, सांस्कृतिक गतिविधियों, खेल उपकरणों और स्कूल में सैनिटाइजेशन के लिए 15 लाख रुपए की राशि जारी की गई है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए हैं। प्राइमरी स्कूल से लेकर महाविद्यालय तक आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने के साथ-साथ ने शैक्षणिक कोर्सेज भी लाए जा रहे हैं। ताकि हल्के के विद्यार्थियों को घर द्वार पर ही आरंभिक से लेकर उच्च शिक्षा तक हासिल हो सके।

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