












रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा में लौटाई गई आंखों की रोशनी – डॉ. सुधीर सल्होत्रा और टीम की सेवा से मरीज को मिला नया जीवन

SENIOR CORRESPONDENत
कहते हैं कि डॉक्टर भगवान का रूप होता है, और जब एक व्यक्ति अंधकार से उजाले की ओर लौटता है, तो यह सिर्फ इलाज नहीं बल्कि एक चमत्कार होता है। ऐसा ही चमत्कार हुआ पालमपुर के समीप रोटरी आई हॉस्पिटल मरांडा में, जहाँ एक गंभीर नेत्र रोग से पीड़ित जम्मू से आए एक मरीज महेंद्र राणा ने अपनी आंखों की रोशनी पुनः प्राप्त की।
उनसे बातचीत करने पर पता चला कि महेंद्र राणा लंबे समय से आंखों की गंभीर समस्या से पीड़ित थे। इलाज की तलाश में उन्होंने देश के कई नामी अस्पतालों का रुख किया – केडी हॉस्पिटल, एसएम हॉस्पिटल कांगड़ा, पालमपुर के निजी केंद्र, जम्मू और यहां तक कि चंडीगढ़ जैसे बड़े चिकित्सा संस्थानों में लाखों रुपये खर्च किए। हर जगह से उन्हें सिर्फ निराशा मिली और समय के साथ उनकी आंखों की रोशनी और भी बिगड़ती चली गई।
जब सभी दरवाज़े बंद हो चुके थे, तब किसी जानकार ने उन्हें रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा जाने की सलाह दी और उन्हें बताया कि रोटरी आई हॉस्पिटल के इलाज की सफलता उच्च कोटि की है।
यहां उनकी मुलाकात हुई देश के टॉप टेन रेटिना विशेषज्ञों में शुमार डॉक्टर सुधीर सल्होत्रा से।

डॉ. सल्होत्रा ने गंभीरता से केस का अध्ययन किया और एक सप्ताह तक उनकी व्यक्तिगत निगरानी में इलाज किया।
इलाज का परिणाम अविश्वसनीय था — महेंद्र राणा की आंखों की रोशनी लौट आई। वर्षों के अंधकार के बाद जब उन्होंने दुनिया को फिर से साफ़-साफ़ देखा, तो उनकी और उनके परिजनों की आंखों में आंसू थे — आभार, खुशी और आश्चर्य के।
महेंद्र राणा के परिजनों ने डॉ. सुधीर सल्होत्रा और रोटरी आई हॉस्पिटल की पूरी टीम का दिल से धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा, “जहाँ बड़े-बड़े अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए थे, वहाँ PREF की सेवा और समर्पण ने हमारे परिवार की दुनिया बदल दी।”
रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा आज न केवल हिमाचल प्रदेश, बल्कि पूरे उत्तरी भारत के लिए आशा का प्रतीक बन चुका है।
अत्याधुनिक मशीनें, अनुभवी डॉक्टर, और संवेदनशील स्टाफ मिलकर PREF को एक आदर्श नेत्र चिकित्सा केंद्र बनाते हैं।![]()
इस कहानी से स्पष्ट है कि PREF के अंतर्गत चल रहा रोटरी आई हॉस्पिटल केवल एक अस्पताल नहीं, बल्कि एक विश्वास है — एक ऐसा स्थान जहाँ विज्ञान, सेवा और संवेदना का मिलन होता है। डॉ. सुधीर सल्होत्रा जैसे समर्पित विशेषज्ञों की उपस्थिति इस संस्थान को उत्कृष्टता की ऊंचाइयों पर ले जा रही है।
जनसेवा में समर्पित इस प्रसिद्ध हॉस्पिटल के जन्मदाता डॉ शिव जी के लिए कुछ तुच्छ से शब्द…

एक नाम जो अमर रहेगा –
डॉ. शिव कुमार”
जब तक सूरज, जब तक चाँद रहेगा,
डॉ. शिव का नाम सदा याद रहेगा।
नेत्रों में उजाला, दिलों में विश्वास,
हर पीड़ित के लिए बने वो संजीवनी रूपी आस।
न डॉक्टर मात्र थे, न बस इंसान,
थे वो फ़रिश्ते, सेवा की पहचान।
जहाँ भी दिखा दुख, बढ़ाया हाथ,
हर नज़र को दिया उन्होंने VISION साफ़-साफ़।
हर रोगी में दिखा उन्हें अपना परिवार,
हर सेवा में था उनका अपार प्यार।
ना कोई दिखावा, न लालच का नाम,
सिर्फ़ मानवता का था उनके पास पैगाम।
रोटरी हॉस्पिटल को शिखर पर ले जाना सपना था उनका,
हर मरीज की आँखों में सपना सत्य बना उनका।
किसी ने खोई थी आशा अगर,
तो शिव कुमार ने जगाई थी वो नज़र।
अंधेरों से लड़कर जो रौशनी दे गए,
सेवा की राहों में इतिहास रच गए।
वो गए नहीं, वो रहते हैं आज भी, यहीं कहीं आसपास, मेरे और तुम्हारे दिल में,
हम सब हैं ऋणी उनके आज भी
जब तक धड़कन है, जब तक साँसें हैं,
शिव कुमार की यादें सदा हमारे पास हैं।

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