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कविता

“ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं है अपना ये त्यौहार नहीं”

CONTRIBUTED BY.... RAMESH BHAU, Veteran Journalist & Social Worker of repute यह नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं है अपना ये त्यौहार नहीं है अपनी ये तो रीत नहीं है अपना ये व्यवहार नहीं धरा ठिठुरती है सर्दी से आकाश में कोहरा…
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“कहां हो तुम!!” देवभूमि पालमपुर की महान साहित्यकार श्रीमती कमलेश सूद द्वारा कलमबद्ध…

Presented by .... RAJESH SURYAVANSH समर्पण (18 अक्टूबर 1942 से 24 नवंबर 2019) मेरे पति डॉक्टर विनोद कुमार जी को सादर समर्पित । "इस कदर जिया हमने ज़िन्दगी को कि हर पल की इक किताब बनती गई। बेशक ढलती रही उम्र यहाँ सालों…
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यह तेरा दिल है या चट्टान का कोई पत्थर…. कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

COL. JASWANT SINGH CHANDEL KALOL, BILASPUR Mob : 9418425568 ...................................... क्या हुआ गर आज बगल में साकी न सही, होठों पर प्याला हलक में शराब भी न सही, हम को तो आदत पड़ी है हर रोज़ पीने की, मयखाने न मिली तो…
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कैसे वक़्त बीता….. कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

कैसे वक्त बीता Col. Jaswant S. Chandel, Kalol, Bilaspur (H.P.) Mob : 941842556 खौफ के साए में यह वर्ष बीता, कभी मैं जीता कभी वक्त जीता, यह क्रम तो चलता रहा वर्ष भर, क्या बताऊं कैसे कैसे वक्त बीता। मंजिल से पहले कदम रुक गया,…
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सोना सूद की खूबसूरत चंद पंक्तियाँ : खुद शमशान तक भी न जा पाऊँगा, इसलिए दोस्त बनाता हूँ

******* *बहुत सुंदर पंक्तियाँ****** SONA SOOD/PALAMPUR MUNICIPAL COUNCILLOR Mob : 9816242760 *''रहता हूं किराये की काया में,* *रोज़ सांसों को बेच कर किराया चूकाता हूँ।* *मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी,* *बातें मैं महल मिनारों…
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“जाने कहाँ गए वो दिन” कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल की कलम से

कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल कलोल बिलासपुर हि.प्र. 174035 मो- 9418425568 जाने कहाँ गए वो दिन..... यह वही मेरी बस्ती है जहां मैं था खेला, घर कम थे मगर आदमियों का था मेला, आज कोठियां बन गईं छप्परों की जगह, मगर कोठियों में आदमी रहता…
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आईने ने सच कह दिया तो झल्ला गए दोस्त : कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

मैं वह सच हूं जिसे तुम सुन नहीं सकते, तुम झूठे हो सच्चे हो, यह चुन नहीं सकते, दिल में बद दुआएं पर मुस्काते रहते हो, आईना क्या दिखाए-छुपाए, चुन नहीं सकते। चेहरे पे तिल उग गया तिलमिला गए दोस्त, खूब की लीपापोती पर झिलमिला गए दोस्त,…
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कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल की भावनात्मक पंक्तियाँ

कर्नल जसवन्त सिंह  चन्देल, कलोल, बिलासपुर (हि.प्र.) Mob : 9418425568 कुछ अटपटे ख्याल खोटे सिक्के लोगों के चले खूब, मगर हमारे तो असली भी पास नहीं हुए। चलता रहा मैं बेखबर इधर-उधर, मगर इम्तिहानों में अब भी पास नहीं हुए। रोज़ जमा लेता…
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प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती सुरेश लता अवस्थी की स्वरचित कविता “भारत माता जान से प्यारी है”

प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती सुरेश लता अवस्थी (खलेट-पालमपुर) द्वारा स्वरचित देशभक्ति की कविता... Mob : 8278739443 भारत माता जान से प्यारी है जान से प्यारी यह तो दुनिया से न्यारी है, दुनिया से न्यारी ये तो सजी संवारी है।…
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बिस्तर पर बदबू मारता गल रहा बेटे का शरीर, मदद के लिए मोहताज लाचार बाप

Mandi (Himachal) Colonel Jaswant Singh Chandel Mob ; 9418425568 *बिस्तर पर बदबू मारता गल रहा बेटे का शरीर, मदद के लिए मोहताज लाचार बाप* किसी भी अस्पताल ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, हर सरकारी हस्पताल ने यह कहकर टाल दिया कि बेड खाली…
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