स्व.डॉ शिव कुमार





- डॉ. सुषमा सूद — एक माँ, एक मसीहा, एक प्रेरणा

कुछ लम्हे शब्दों से परे होते हैं — वे सीधे दिल में उतरते हैं और वहीं बस जाते हैं। ऐसा ही एक अविस्मरणीय पल हाल ही में डॉ. सुषमा सूद के जीवन में तब आया, जब वे एक मरीज को देखने के लिए चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित पीजीआई अस्पताल पहुँचीं।
जैसे ही वह अस्पताल में दाखिल हुईं, एक युवा डॉक्टर उन्हें देखकर दौड़ते हुए आया और बिना एक पल की देरी किए उनके चरणों में झुक गया।
डॉ. सूद चौंक गईं, थोड़ा ठिठकीं और बोलीं —
“बेटा, आप कौन हैं?”
उस डॉक्टर की आँखें भर आईं। उसकी आवाज़ कांप रही थी लेकिन शब्द सीधे आत्मा को छू रहे थे —
“मैम, मेरा जन्म आपके हाथों से हुआ था। आज मैं एक डॉक्टर हूँ, लेकिन यह सब आपकी वजह से है। मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा सिखाया कि आपने मेरी ज़िंदगी शुरू की, आपने मेरी माँ को माँ बनाया। और आज मैं जब खुद एक डॉक्टर बना हूँ और आपको सामने देख रहा हूँ, तो ऐसा लग रहा है जैसे मेरी दूसरी माँ से मिल रहा हूँ।”
यह सुनकर डॉ. सूद की आँखों में भी खुशी के आंसू आ गए। अस्पताल के उस व्यस्त वातावरण में कुछ पलों के लिए खामोशी और श्रद्धा छा गई। यह सम्मान कोई ओहदा नहीं देता — यह ममता, सेवा और समर्पण का नतीजा होता है, जो वर्षों की साधना से मिलता है।
यह दृश्य उन हज़ारों बच्चों की याद दिलाता है जो डॉ. सुषमा सूद के करुणामय हाथों से जन्म लेकर आज पूरी दुनिया में सफलता की ऊँचाइयाँ छू रहे हैं।
उनमें से कुछ नाम हैं:
डॉ. आरव मेहरा, जो आज न्यूयॉर्क में न्यूरोसर्जन हैं,
श्रुति कपूर, जो दिल्ली में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं
अद्विक राणा, कनाडा में डेटा साइंटिस्ट
डॉ. रिया माथुर, ऑस्ट्रेलिया में महिला रोग विशेषज्ञ,
विवान खन्ना, लंदन में इंटरनेशनल लॉ के वकील कव्या ठाकुर, जर्मनी की एयरोस्पेस इंजीनियर समरजीत चड्ढा, सिंगापुर की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर, इन सभी की ज़िंदगियाँ डॉ. सूद की करुणा और विशेषज्ञता का प्रतिफल हैं। वे सिर्फ डॉक्टर नहीं, उनके लिए जीवनदायिनी शक्ति हैं।
उनके पति डॉ. गम्भीर सूद, जिन्होंने वर्षों तक एनेस्थेटिस्ट के रूप में सेवा दी, आज भी सम्मान और गरिमा के साथ पहचाने जाते हैं।
उनके पुत्र डॉ. अनुंभव सूद और पुत्रवधू डॉ. स्वाति कटोच सूद, पालमपुर के Dental Radiance Hospital में अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से दंत चिकित्सा में नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।

डॉ. सुषमा सूद का जीवन इस बात का प्रमाण है कि एक डॉक्टर केवल शरीर का नहीं, पूरे परिवारों का भविष्य गढ़ सकता है।






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